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चेन्नई9 मिनट पहले
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BJP और AIADMK के बीच गठबंधन का ऐलान इसी साल 11 अप्रैल को हुआ था।
तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी ने शनिवार को साफ कर दिया कि राज्य में BJP के साथ गठबंधन में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) बड़ा भाई है। उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो हम पर हावी नहीं हो सकती।
पलानीस्वामी ने कहा कि AIADMK तमिलनाडु में 30 साल से ज्यादा समय तक सत्ता में रही है। अगर गठबंधन 2026 विधानसभा चुनाव जीतता है तो राज्य में कोई गठबंधन सरकार नहीं होगी। यह समझौता केवल चुनाव के लिए है।
पलानीस्वामी ने बताया कि पार्टी 7 जुलाई को कोयंबटूर से चुनावी अभियान शुरू करेगी। भाजपा का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि सभी गठबंधन सहयोगियों को आमंत्रित किया गया है। साथ ही अभिनेता विजय की पार्टी तमिलगा वेट्री कझगम (TVK) के लिए भी दरवाजे खुले होने की बात कही।
हालांकि, TVK ने 4 जुलाई को प्रस्ताव पारित कर विजय को पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। इस दौरान विजय ने कहा था कि पार्टी तमिलनाडु चुनाव में DMK या BJP के साथ किसी तरह का गठबंधन नहीं करेगी।
3 महीने पहले हुआ था AIADMK-BJP गठबंधन

गठबंधन के ऐलान के वक्त अन्नामलाई भी अमित शाह, पलानीस्वामी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे।
गृहमंत्री अमित शाह ने 11 अप्रैल को चेन्नई में BJP और AIADMK गठबंधन का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि 2026 में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव AIADMK प्रमुख ई पलानीस्वामी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। सीट का बंटवारा बाद में होगा।
शाह ने कहा था कि गठबंधन को लेकर AIADMK की कोई डिमांड नहीं है, न ही BJP उनके अंदरूनी मामलों में कोई हस्तक्षेप करेगी। पार्टी का NDA में शामिल होना दोनों के लिए ही बहुत फायदेमंद है।
शाह बोले- अगला चुनाव द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) सरकार के भ्रष्टाचार, दलितों पर, महिलाओं पर अत्याचार के आधार लड़ा जाएगा। लोग डीएमके से घोटालों पर जवाब मांग रहे हैं, चुनाव में इन्हीं मुद्दों पर जनता वोट देगी।
सितंबर, 2023 से पहले तक दोनों पार्टियां गठबंधन में थीं, लेकिन तब के तमिलनाडु BJP अध्यक्ष अन्नामलाई की कुछ टिप्पणियों की वजह से कारण AIADMK ने गठबंधन तोड़ दिया था।
पिछले चुनाव में AIADMK-BJP गठबंधन को 75 सीटें मिली थीं AIADMK ने लगातार दो कार्यकाल (2011-2021) तक तमिलनाडु में शासन किया। 2021 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में DMK ने राज्य की कुल 234 सीटों में से 159 पर जीत हासिल की थी। वहीं, AIADMK सिर्फ 66 सीटों पर सिमट गई थी। BJP ने 2 और अन्य दलों को 7 सीटें मिली थी। DMK की जीत के बाद एमके स्टालिन राज्य के मुख्यमंत्री बने थे।

लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली तमिलनाडु की 39 लोकसभा सीटों पर BJP और AIADMK ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। दोनों पार्टियों को राज्य में एक भी सीट नहीं मिली थी। DMK की अगुआई में INDIA गठबंधन ने सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी। DMK को 22, कांग्रेस को 9, CPI, CPI (M) और VCK को 2-2, MDMK और IUML को एक-एक सीट मिली थी।
AIADMK और भाजपा अलग क्यों हुए थे AIADMK ने 25 सितंबर, 2023 को NDA से निकलने की घोषणा की थी। इसका प्रमुख कारण तमिलनाडु BJP अध्यक्ष अन्नामलाई की आक्रामक राजनीति को माना गया। अन्नामलाई ने द्रविड़ नेता सीएन अन्नादुरई पर टिप्पणी की थी।
11 सितंबर को अन्नामलाई ने राज्य के एक मंत्री पीके शेखर बाबू के सनातन धर्म के खिलाफ बयान के विरोध में आयोजित कार्यक्रम में सीएन अन्नादुरई के खिलाफ टिप्पणी की थी।
उन्होंने कहा था कि ‘अन्नादुरई ने 1950 के दशक में मदुरै में एक कार्यक्रम में हिंदू आस्था के खिलाफ टिप्पणी की थी। इसका स्वतंत्रता सेनानी पसुमपोन मुथुमारलिंग थेवर ने कड़ा विरोध किया था।’
इस बयान के तुरंत बाद AIADMK नेता BJP प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ एकजुट हो गए। AIADMK ने अन्नामलाई से माफी मांगने को कहा लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
इस पर AIADMK ने BJP नेतृत्व से अन्नामलाई को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने के लिए कहा लेकिन BJP ने ऐसा नहीं किया। इसी के चलते AIADMK गठबंधन से अलग हो गई।
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