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नई दिल्ली6 मिनट पहले
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एक पैसेंजर के सिर पर रखा सामान गिरने से 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ हुई थी। सामान गिरने से यात्री सीढ़ियों पर गिर पड़े थे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के प्रश्न पर यह लिखित उत्तर दिया। हालांकि, उन्होंने शुक्रवार को राज्यसभा में दिए अपने जवाब में ‘भगदड़’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया।
15 फरवरी को महाकुंभ में शामिल होने प्रयागराज जाने के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़ थी। हादसे में 18 लोगों की जान चली गई थी जबकि 15 लोग घायल हुए थे।
रेल मंत्री ने मार्च में लोकसभा को बताया था कि हादसे वाले दिन रेलवे स्टेशन पर करीब 49 हजार जनरल टिकट बेचे गए थे। यह रोजाना के औसत से 13 हजार ज्यादा थे।
यात्री लड़खड़ाकर एक-दूसरे पर गिरे रेल मंत्री ने बताया कि उस दिन स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ कंट्रोल करने के उपाय किए गए थे। उन्होंने बताया रात 8:15 बजे के बाद फुटओवर ब्रिज (FOB) पर यात्रियों की संख्या में धीरे-धीरे बढ़ने लगी।
कई यात्री अपने सिर पर बहुत ज्यादा सामान लादे हुए थे। इससे FOB पर आवाजाही प्रभावित हुई। एक यात्री के सिर से बहुत ज्यादा सामान गिरा और उसका दबाव प्लेटफार्म 14 और 15 की सीढ़ियों पर पड़ा।
इससे सीढ़ियों पर यात्री लड़खड़ा गए और एक दूसरे पर गिर पड़े। इसी वजह से रात 8:48 बजे FOB-3 पर यह घटना घटी।
33 पीड़ितों को ₹2.01 करोड़ मुआवजा दिया रेल मंत्री ने बताया कि मृतक के परिवार को 10 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपए और साधारण रूप से घायलों को 1 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया। 33 पीड़ितों और उनके परिवार के सदस्यों को कुल 2.01 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया गया।
उन्होंने बताया कि भीड़ को बेहतर ढंग से कंट्रोल करने के लिए रेलवे ने नए उपाय किए हैं। 73 स्टेशनों पर स्थायी होल्डिंग एरिया, कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों के लिए एंट्री कंट्रोल, चौड़े फुट ओवरब्रिज, CCTV कैमरे और प्रमुख स्टेशनों पर वॉर रूम बनाए गए हैं।