The clash of migrant dreams and crime with Parmish Verma’s powerful acting, | ओटीटी रिव्यू- कनेडा: पंजाब से कनाडा पहुंचने की कहानी, परमीश वर्मा ने अदाकारी से दिखाया नस्लवाद, स्ट्रगल और प्रवासी सपनों का दर्द


2 घंटे पहलेलेखक: आशीष तिवारी

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पंजाबी इंडस्ट्री के मशहूर सिंगर, एक्टर और डायरेक्टर परमीश वर्मा ने अब ओटीटी प्लेटफॉर्म पर क्राइम-थ्रिलर सीरीज ‘कनेडा’ से डेब्यू किया है। यह वेब सीरीज OTT प्लेटफॉर्म Jio Hotstar पर स्ट्रीम हो चुकी है। इस सीरीज में परमीश वर्मा के अलावा जैस्मीन बाजवा, अरुणोदय सिंह, रणवीर शौरी, आदार मालिक और मोहम्मद जीशान अय्यूब ने अहम किरदार निभाए हैं। आठ एपिसोड की इस सीरीज को दैनिक भास्कर ने 5 में से 3 स्टार रेटिंग दी है।

सीरीज की स्टोरी कैसी है?

निम्मा (परमीश वर्मा) अपने दोस्त दलजीत (आदार मलिक) और उसकी बहन हरलीन (जैस्मिन बाजवा) के साथ नए देश में अपने पैर जमाने की कोशिश करता है। संगीत उसका सच्चा जुनून है, लेकिन परिस्थितियां उसे अपराध की दुनिया की ओर धकेल देती हैं। सरबजीत (अरुणोदय सिंह) के गैंग में शामिल होकर निम्मा अपने सपनों को पूरा करना चाहता है, लेकिन यह रास्ता उसे एक गहरे अंधेरे में ले जाता है। सीरीज एक प्रवासी की महत्वाकांक्षाओं और उसकी नैतिक दुविधाओं को बारीकी से पेश करती है।

स्टार कास्ट की एक्टिंग कैसी है?

परमीश वर्मा ने निम्मा के किरदार में जान डाल दी है। उनकी मासूमियत से लेकर अपराध की दुनिया में उनके बदलाव को उन्होंने बेहतरीन तरीके से दिखाया है। यह उनकी अब तक की सबसे प्रभावशाली परफॉर्मेंस में से एक कही जा सकती है।

अरुणोदय सिंह का किरदार सरबजीत दमदार है, जो अपने खतरनाक अंदाज से पर्दे पर छा जाते हैं। रणवीर शौरी और मोहम्मद जीशान अय्यूब ने भी अपनी भूमिकाओं के साथ पूरा न्याय किया है। जैस्मिन बाजवा और आदार मलिक की परफॉर्मेंस भी अच्छी रही है, लेकिन उनके किरदारों को ज्यादा गहराई नहीं दी गई है।

डायरेक्शन कैसा है?

चंदन अरोड़ा का निर्देशन कसा हुआ है। उन्होंने 90 के दशक के टोरंटो को बखूबी दिखाया है, जिससे दर्शक उस दौर से जुड़ा महसूस करते हैं। कहानी का प्रवाह ठीक है, लेकिन कुछ जगहों पर गति धीमी पड़ जाती है। सिनेमैटोग्राफी और प्रोडक्शन डिजाइन बढ़िया है, जिससे माहौल और भी रियलिस्टिक लगता है। सीरीज की लंबाई थोड़ी ज्यादा महसूस होती है। कुछ किरदारों को बेहतर तरीके से उभारा जा सकता था। कुछ जगहों पर कहानी की रफ्तार धीमी हो जाती है, जिससे रोमांच थोड़ा कम हो जाता है।

सीरीज का संगीत कैसा है?

सीरीज में पंजाबी म्यूजिक को खास जगह दी गई है, जो कहानी के इमोशनल पहलुओं को और गहराई देता है। परमीश की आवाज में गाने प्रभावशाली लगते हैं, बैकग्राउंड स्कोर कहानी के मूड को सूट करता है।

सीरीज का फाइनल वर्डिक्ट, देखें या नहीं

अगर आप प्रवासियों के संघर्ष, क्राइम-थ्रिलर और इमोशनल कहानियों के फैन हैं, तो कनेडा आपको पसंद आ सकती है। परमीश वर्मा की एक्टिंग और 90 के दशक के टोरंटो का शानदार चित्रण इसे देखने लायक बनाता है। हालांकि, धीमी रफ्तार और लंबी अवधि इसे परफेक्ट बनने से रोकती है।



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