4 घंटे पहले
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- कार्ल मार्क्स जर्मन दार्शनिक, पत्रकार थे। उनकी सबसे प्रसिद्ध पुस्तकें ‘द कम्युनिस्ट मैनिफेस्टो’ और ‘दास कैपिटल’ हैं।
1. दार्शनिकों ने अब तक दुनिया की केवल व्याख्या की है, विभिन्न तरीकों से। लेकिन असल मकसद तो इसे बदलना है। 2. अपने आप को उन लोगों से घेरिए, जो आपको खुश रखते हैं। जो आपको हंसाते हैं, जरूरत पड़ने पर आपकी मदद करते हैं। जो सच में आपकी परवाह करते हैं। वही लोग आपके जीवन में बने रहने योग्य हैं। बाकी सब तो बस गुजरने वाले हैं। 3. मैं कुछ नहीं हूं, लेकिन मुझे सब कुछ होना चाहिए। 4. तर्क हमेशा से मौजूद रहा है, लेकिन हमेशा तर्कसंगत रूप में नहीं। 5. वस्तुओं की दुनिया का मूल्य जितना बढ़ता है, मानव की दुनिया का मूल्य उतना ही घटता है। 6. बहुत अधिक उपयोगी वस्तुओं का उत्पादन बहुत अधिक अनुपयोगी लोगों को जन्म देता है। 7. कुछ लोगों की मेहनत दूसरों के आलस्य को मजबूर कर देती है। 8. लोग अपना इतिहास स्वयं बनाते हैं, लेकिन अपनी मर्जी से नहीं।