7 घंटे पहलेलेखक: हिमांशी पाण्डेय
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टीवी के पॉपुलर कपल गुरमीत चौधरी और देबिना बनर्जी रियलिटी शो ‘पति, पत्नी और पंगा’ में नजर आएंगे। दैनिक भास्कर से बातचीत में कपल ने बताया कि जब उन्हें इस शो के बारे में पहली बार पता चला, तो उनका रिएक्शन क्या था। इसके अलावा दोनों ने अपनी पेरेंटिंग जर्नी और अनुभवों के बारे में भी खुलकर बात की।
शो पति, पत्नी और पंगा में आप दोनों एक-दूसरे से कितना पंगा करने वाले हैं?
गुरमीत- मैं तो बहुत ज्यादा पंगा करने वाला हूं। घर पर तो बिल्कुल मौका नहीं मिलता, अगर पंगा करूंगा तो रियल लाइफ में देबिना से बहुत मार खाऊंगा। इसलिए कैमरे के सामने मैं खूब पंगा ले रहा हूं।
देबिना- मुझे नहीं लगता मैं ज्यादा पंगा करती हूं, लेकिन हां मेरा मुंह खुलते ही पंगा हो जाता है। गुरमीत हमेशा मुझसे कहते हैं कि थोड़ा सोच-समझकर बात किया करो। लेकिन इस शो का फॉर्मेट ही ऐसा है कि सोच-समझकर बात नहीं करनी होती। इसलिए हम यहां खूब मजा करने वाले हैं।

जब आपने शो का नाम सुना, तो आपका पहला रिएक्शन क्या था?
देबिना- जब मैंने पहली बार इस शो के बारे में सुना, तो मेरा मन यही सोच रहा था कि शायद हम यह शो नहीं करेंगे।
गुरमीत- मेरे मन में यह ख्याल आया कि मैं और देबिना साथ में शो करेंगे। यह बिल्कुल भी ऐसा नहीं है कि कोई हमें जज करेगा। यहां कम्पटीशन बहुत है और उतना ही मजा भी आने वाला है। साथ ही ये भी लगा कि टीवी पर जो ऑडियंस मुझे मिस कर रही है, वो हमें साथ में देख भी पाएगी।
आप दोनों का नाम सुनते ही लोगों के मन में राम और सीता की छवि आ जाती है। क्या कभी ऐसा महसूस हुआ कि अगर ज्यादा पंगे हुए तो यह छवि धूमिल हो सकती है?
देबिना- नहीं, ऐसा कभी महसूस नहीं हुआ। आजकल सोशल मीडिया का जमाना है और हम दोनों वहां एक्टिव रहते हैं। जिन दर्शकों ने हमें राम-सीता के रूप में देखा, उन्हीं को ध्यान में रखते हुए हमने इस शो में आने का फैसला किया, ताकि वे हमें एक मजेदार और फन अवतार में भी देख सकें।
क्या कभी आपने बिना बात के देबिना से पंगा लिया है?
गुरमीत- हां, अक्सर। मुझे देबिना से पंगा लेना बहुत अच्छा लगता है। जब ये गुस्से में होती हैं, तो मुझे बहुत हंसी आती है। मैं तो देबिना के साथ हमेशा मस्ती करता रहता हूं और खुद ही इन्हें तंग करता हूं। अब तो बच्चों के होने के बाद मैं उन्हें भी तंग करता हूं।

अगर आपको एक-दूसरे को सिर्फ एक शब्द में बयां करना हो, तो क्या कहेंगे?
गुरमीत- देबिना को एक शब्द में बयां करना नामुमकिन है। जैसे अगर आप यूनिवर्स को अंदर से देखें तो वह बेहद गहरा और रहस्यमय होता है, वैसी ही देबिना हैं। मैं हर दस साल में इन्हें एक नए रूप में खोजता हूं, समझता हूं। वो हर बार कुछ नया लेकर आती हैं।
देबिना- मेरे लिए गुरमीत ऐसे इंसान हैं जिन पर कोई लोग, क्रोध, मोह-माया, तिरस्कार या नकारात्मकता असर नहीं करती। ये जैसे आज हैं, वैसे ही हमेशा से रहे हैं।
एक अच्छे रिश्ते के लिए सबसे जरूरी चीज क्या होती है?
गुरमीत- मुझे लगता है कि किसी भी रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए सबसे जरूरी है कि आप एक-दूसरे के अच्छे दोस्त बनें। शादी हो जाने का मतलब ये नहीं कि अब सामने वाले के साथ जैसा चाहे वैसा व्यवहार करें। अगर आप दोस्त की तरह एक-दूसरे को समझेंगे, एक-दूसरे का साथ देंगे, तो रिश्ता उम्रभर मजबूत बना रहेगा।

पेरेंटिंग और प्रोफेशनल लाइफ को आप दोनों कैसे मैनेज करते हैं?
गुरमीत- मुझे लगता है कि पेरेंटिंग एक बहुत ही खूबसूरत अनुभव है। बच्चों को धीरे-धीरे बड़ा होते देखना, उनकी मासूम बातें सुनना। ये सब दिल को गहरा सुकून देते हैं। जितना भी बिजी रहूं, जब बच्चों के साथ होता हूं तो एक अलग ही शांति महसूस होती है।
देबिना- मेरे लिए तो पेरेंटिंग के बाद जैसे मेरी पूरी दुनिया ही बदल गई है। जब मैं काम कर रही होती हूं, तो वो एक अलग दुनिया होती है, लेकिन मेरा मन हमेशा बच्चों के पास ही रहता है। ऐसा लगता है जैसे मेरा आधा हिस्सा हर वक्त उनके साथ ही है। यही बैलेंस बनाने की असली कोशिश होती है।