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50 मिनट पहले
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- हर एक इंसान के अंदर कुछ न कुछ कमजोरियां तो होती ही हैं। कुछ लोगों की खराब आदतें और बुरा व्यवहार अक्सर उनकी सफलता की राह में बाधा बन जाते हैं। अगर इन्हें समय रहते नहीं सुधारा जाए, तो ये आपकी नेतृत्व क्षमता को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं। यहां पांच सामान्य कमजोरियां और उन्हें दूर करने के उपाय दिए गए हैं।
1) टकराव से बचना चाहिए, लेकिन कोई समस्या है तो सीधे बात करें अगर कोई ऐसी समस्या है जो आपको काफी दिनों से परेशान कर रही है, तो ऐसे में ज्यादा इंतजार करना ठीक नहीं होगा। कोई ठीक-ठाक मौका देखकर सीधे और आमने-सामने बात करें। सामने से सामना करने की रणनीति किसी अनुभवी व्यक्ति से एक बार पूछ लें। फिर भी अगर घबराहट महसूस हो रही हो, तो पहले अपना एक्शन प्लान लिख लें।
2) आवेग में आकर कोई निर्णय न लें, ये परेशानी खड़े कर सकते हैं जल्दबाजी में लिए गए गलत निर्णय और अस्थिर भावनात्मक प्रतिक्रियाएं अक्सर बड़ी परेशानियां खड़ी कर सकती हैं। एक बार अपनी पुरानी गलतियों पर सोच-विचार कर लें और जानें कि आपने उस वक्त किस बात की अनदेखी की थी। खुद से सवाल पूछें : इस योजना में सबसे अधिक असफलता किस बात में आ सकती है?
3) दूसरों को दोष देने से बचें, जिम्मेदारी लें दोष डालने वाले लोग अक्सर खुद को ही पीड़ित समझते हैं और अपनी जिम्मेदारियां उठाने से बचते हैं। वे अपनी जिम्मेदारी को टालते हैं। जहां तक हो सके आप अपनी गलतियों से सीखें। अपने हालात को समझकर मौजूदा सीमाओं को स्वीकार करें और सोचें कि जो आपके नियंत्रण में है, उसमें आप क्या बेहतर कर सकते हैं।
4) सब कुछ खुद कंट्रोल करना ठीक नहीं, लोगों को पूरी आजादी दें अगर आप हर एक चीज को खुद ही नियंत्रित करना चाहते हैं, तो ध्यान रखें कि ऐसे में आपकी टीम के सदस्य पहल करना छोड़ भी सकते हैं। यदि आप अपनी टीम को सशक्त बनाना चाहते हैं तो इसके लिए समय-समय पर मीटिंग करें, अपने लक्ष्य और मीट्रिक्स साझा करें, लोगों को पूरा मार्गदर्शन दें, लेकिन उन्हें जरूरी निर्णय लेने की पूरी आजादी भी दें।
5) हमेशा परफेक्शन की चाह न रखें, छोटे-छोटे प्रयोग करते रहें हर चीज परफेक्ट करने की कोशिश न करें। ज्यादातर लोग समझते हैं कि काम में परफेक्शन बहुत जरूरी होता है जबकि ऐसा है नहीं। परफेक्शन की वजह से कई बार डेडलाइन और मौके छूट भी जाते हैं। जहां तक संभव हो काम की उम्मीदों, लागत और समय-सीमा पर फीडबैक जरूर लें। बेहतर होगा कि परफेक्शन की चाह छोड़कर छोटे-छोटे प्रयोग करते रहें।
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