These principles will make you a better negotiator | टिप्स: ये सिद्धांत बनाएंगे बेहतर निगोशिएटर


7 घंटे पहले

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  • आप काफी पहले से ही अपनी बातचीत (निगोसिएशन) में अच्छे माने जाते रहे हैं। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आपसे बेहतर बातचीत करने वाले लोग मौजूद ही नहीं हैं। किसी ऐसे व्यक्ति से बातचीत करने का विचार, जो आपसे अधिक शक्तिशाली हो- जैसे आपके बॉस, कोई भर्तीकर्ता (रिक्रूटर) या कभी-कभी माता-पिता से बातचीत भी डराने वाली लग सकती है, खासकर जब आप अभी अपने करियर की शुरुआत कर रहे हों। बातचीत में और बेहतर होने के लिए आप इन पांच सिद्धांतों को अपना सकते हैं…

1) उस परिणाम पर ध्यान दें, जो आप चाहते हैं अपनी बातचीत को शुरू करने से पहले यह सोचें कि आप असल में क्या हासिल करना चाहते हैं। वह मांगें, जो आपके लिए असहज लगती हो, उन्हें थोड़ा ज्यादा मांगना ठीक है। आप हमेशा अपनी बात से थोड़ा पीछे हट सकते हैं, लेकिन अगर आप शुरुआत ही कम से करते हैं, तो ऊपर की ओर निगोशिएट करना आपके लिए बेहद मुश्किल हो सकता है।

2) तैयारी करें, मॉक इंटरव्यू जैसा अभ्यास करें बातचीत से पहले खुद से कुछ सवाल जरूर करें। जैसे, इस बातचीत का स्वरूप क्या होगा? सामने वाला क्या कह सकता है? जब आप अपनी बात रखेंगे तो वह कैसे प्रतिक्रिया देगा? बातचीत के दौरान क्या संभावित आपत्तियां आ सकती हैं? आप उनका जवाब कैसे देंगे? एक दोस्त या मेंटर के साथ अभ्यास करें, जैसे मॉक इंटरव्यू होता है।

3) बातचीत के लिए सही समय का चुनाव करें जब सामने वाला व्यक्ति अपने किसी जरूरी काम में व्यस्त हो या वह हाल ही में किसी तनावपूर्ण मीटिंग से बाहर निकला हो, तो ऐसे समय में उनसे दूरी बनाएं। यह बात करने का सही समय नहीं है। इस समय बातचीत न करें। इसके अलावा अगर आप खुद भी थके हुए हैं या किसी बात से चिंतित महसूस कर रहे हैं, तब भी यह बात करने का सही समय नहीं है।

4) इसे बातचीत की तरह लें, टकराव नहीं जब आप अपनी बात को सामने रखें, तो केवल बोलते ही न चले जाएं। दूसरे व्यक्ति को भी बात करने का पर्याप्त अवसर दें। उन्हें यह समझाने का अवसर दें कि वह किस नजरिए से बातचीत कर रहे हैं। आपका पूरी बातचीत के दौरान सुनना भी उतना ही जरूरी है, जितना कि बोलना। अपनी बातों को बातचीत की तरह ही लें, टकराव की तरह न लें।

5) तथ्यों और आंकड़ों को आधार बनाएं जब आप सामने वाले के समक्ष अपनी मांग रखें, तो अपने पास मौजूद तथ्यों और आंकड़ों का सहारा जरूर लें। ये बातचीत का आधार बनते हैं जिससे आपकी बात में वजन पैदा होता है। सामने वाले को यह दिखाएं कि आपकी मांग बिल्कुल वाजिब है। उन्हें बताएं कि यह उनके हित में भी कैसे है और उन्हें आपके सुझाव से क्या लाभ हो सकता है।



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