29 मिनट पहले
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- हममें से ज्यादातर लोग अक्सर यह सोचते हैं कि हम जो आज हैं, हमेशा ही ऐसे रहने वाले हैं। लेकिन स्थितियां हमेशा एक जैसी तो नहीं रहती हैं। समय के साथ हमारा व्यक्तित्व, पसंद-नापसंद और यहां तक की हमारी क्षमताएं भी बदलती रहती हैं, फिर चाहे हम कोई बदलाव चाहें या नहीं। लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि यह बदलाव हमारे नियंत्रण से बाहर नहीं है, बल्कि हमारे हाथ में है। अगर हम चाहें तो आने वाले कल को एक दिशा दे सकते हैं। भविष्य में स्वयं की जिम्मेदारी लेने की रणनीतियां बना सकते हैं…
1. भूत, वर्तमान व भविष्य के ‘सेल्फ’ में फर्क आप आज वह व्यक्ति नहीं हैं जो कभी हुआ करते थे। खुद को आप आज जिस रूप में देखते हैं, उससे सीमित न हो जाएं। यह पहचानें कि आपने खुद के अंदर समय के साथ कितना बदलाव किया है। बीते हुए ‘आप’ से सीखा गया अनुभव आज के ‘आप’ को गढ़ सकता है, और वही आपके भविष्य को दिशा भी दे सकता है। भूतकाल, वर्तमान और भविष्य के स्वयं में फर्क समझें।
2. अपने पसंदीदा भविष्य की कल्पना करें आपका भविष्य का स्वरूप खुद को लेकर कैसा है? इसका उत्तर केवल आपके पास ही हो सकता है। कल्पना करें कि आप किस प्रकार के इंसान बनना चाहते हैं। एक बहुत अच्छी शुरुआत हो सकती है जर्नलिंग यानी डायरी-लेखन। खुद से पूछें कि ऐसे कौन-से तीन काम आप आज कर सकते हैं, जो आपको अपने भविष्य में ‘स्वयं’ के करीब लेकर जाएं? अपने भविष्य की कल्पना करें।
3. अपनी पहचान की कहानी को बदल लें आपकी पहचान वह कहानी है जो आप खुद को और दूसरों को बताते हैं- अतीत, वर्तमान और भविष्य के बारे में। अगर आप केवल अपने अतीत और वर्तमान पर ध्यान देंगे, तो यह एक स्थायी सोच बन सकती है। लेकिन जब आप अपने भविष्य के स्वरूप पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो आपकी पहचान बदल सकती है। आप वो इंसान बन सकते हैं जो आप वास्तव में बनना चाहते हैं।
4. अपने भविष्य को दूसरों के साथ साझा करें आपके भविष्य का ‘सेल्फ’ केवल आपके मन की बात नहीं है, उसे दूसरों के साथ बांटना चाहिए। जब आप दूसरों को बताते हैं कि आप क्या बनना चाहते हैं, तो यह आपके अंदर जिम्मेदारी और स्पष्टता लाता है। स्वीकार करें कि आप आज जिस रूप में हैं, भविष्य में आप उससे बेहतर बनना चाहते हैं। यह बदलाव को जानबूझकर अपनाने का एकमात्र प्रभावी रास्ता हो सकता है।