28 मिनट पहले
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- किताबों से जानिए, हमेशा छोटे लक्ष्य चुनना क्यों नुकसान पहुंचाता है? क्यों रुकने से अच्छा है डरते हुए शुरुआत कर देना?
अपनी सीमाओं को पार करने का प्रयास करें हम सभी को यह सिखाया जाता है कि अच्छी पढ़ाई करो, अच्छी नौकरी पाओ और सुरक्षित भविष्य बनाओ। लेकिन सिर्फ नौकरी करने से असली आर्थिक स्वतंत्रता नहीं मिलती। समझदारी यह है कि हम पैसे को समझें, उसका प्रबंधन करना सीखें और उसे इस तरह लगाएं कि वह खुद हमारे लिए काम करे। डर और लालच हमें अक्सर एक सुरक्षित जिंदगी चुनने पर मजबूर करते हैं। जो जोखिम लेते हैं, वो ही स्वतंत्र हैं। (रिच डैड पुअर डैड)
आपके अंदर वो सब है जिसकी आपको जरूरत है कभी-कभी जिंदगी हमें ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर देती है जहां से आगे का रास्ता धुंधला दिखता है। हम अपने फैसलों पर शक करते हैं, खुद से सवाल करते हैं कि क्या मैं सच में कर सकता हूं? हर महान शुरुआत छोटे विश्वास से होती है। आप खुद पर विश्वास करें। आज अगर एक कदम बढ़ा लेंगे, तो कल वही रास्ता आपको मंजिल तक ले जाएगा। शुरुआत करें, भले ही डरते हुए, लेकिन रुकें नहीं। (अभी नहीं तो कब?)
आपकी सोच और कर्म हालात बदल सकते हैं जब आप अपने दिमाग में बड़े सपने जगाते हैं, तो आपके सारे निर्णय बदल जाते हैं। छोटी सोच वाले व्यक्ति हमेशा छोटे लक्ष्य चुनते हैं, जिससे नतीजे भी छोटे मिलते हैं। लेकिन अगर आप सोचते हैं कि मैं सक्षम हूं, मैं कर सकता हूं, तो यह साहस आपको असंभव-सी लगने वाली चुनौतियों से भी निपटने की ताकत देता है। आपकी सोच और आपके कर्म आपके हालात ही नहीं, आपकी दुनिया भी बदल सकते हैं। (द मैजिक ऑफ थिंकिंग बिग)
आलोचनाओं से ऊपर उठें, बिना किसी स्वार्थ के साथ निभाएं विरासत केवल बड़े कामों का संग्रह नहीं होती बल्कि वो छोटी‑छोटी रोजमर्रा की आदतों और संबंधों की शृंखला होती है, जो हम अपने आसपास के लोगों में छोड़ते हैं। जब हम अपनों को सुनते हैं, जब हम बिना किसी स्वार्थ के साथ निभाते हैं, आलोचनाओं से ऊपर की सोचते हैं, तब हम एक ‘लिविंग लेगेसी’ बना रहे होते हैं, जो प्यार और कनेक्शन की नींव रखती है। दरअसल छोटे, सजग कर्म और संवेदनशीलता हमारी व्यक्तिगत और सामूहिक विरासत को आकार देते हैं। (वॉट इज माय लेगेसी)