Toll will remain free for bikes and scooters as before | बाइक-स्‍कूटर के लिए पहले की तरह फ्री रहेगा टोल: हाइवे पर 15 जुलाई से टैक्स लगाने की खबर अफवाह, गडकरी बोले- ऐसा कोई फैसला नहीं


नई दिल्ली6 मिनट पहले

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बाइक-स्‍कूटर चलाने वालों को हाइवे पर किसी भी तरह का टोल टैक्स नहीं देना होगा। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि 15 जुलाई से नेशनल हाइवे पर टू-व्हीलर चलाने वालों को भी टैक्स देना होगा। हाइवे पर टू-व्हीलर्स के लिए टोल टैक्स लगाए जाने की खबरों को सरकार ने फेक बताया है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने साफ कर दिया है कि इस तरह की खबरें पूरी तरह झूठी और गलत हैं। टू-व्हीलर चलाने वालों को पहले की तरह ही टोल टैक्स से छूट मिलती रहेगी। PIB फैक्ट चेक के ऑफिशियल हैंडल ने भी X पर पोस्ट कर इस खबर को फेक बताया है।

NHAI ने कहा- टोल टैक्स लगाने की कोई योजना नहीं

NHAI ने ऑफिशियल स्टेटमेंट कहा कि, मीडिया में खबरें आई हैं कि भारत सरकार दोपहिया वाहनों पर टोल टैक्स लगाने की योजना बना रही है। NHAI स्पष्ट करना चाहता है कि ऐसे किसी प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो रही है। दोपहिया वाहनों के लिए टोल टैक्स लगाने की कोई योजना नहीं है।

टू-व्हीलर्स पर फास्टैग लगाए जाने की अफवाह थी

पिछले कुछ दिनों से कई न्यूज पोर्टल्स और सोशल मीडिया पर खबरें चल रही थीं कि सरकार 15 जुलाई 2025 से टू-व्हीलर्स पर टोल टैक्स लगाने जा रही है। कुछ ने तो ये भी दावा किया कि बाइक और स्कूटर वालों को FASTag लगवाना होगा और अगर नियम तोड़ा तो 2000 रुपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि हर महीने 150 रुपए का टोल फी देना होगा। लेकिन, इन खबरों में कोई आधिकारिक गजट नोटिफिकेशन या सरकारी बयान का जिक्र नहीं था।

दरअसल, सरकार ने 18 जून को घोषणा की थी कि अब फास्टैग के लिए सालाना पास का ऑप्शन भी मिलेगा। इसकी कीमत 3,000 रुपए होगी। इसके बाद से ही टू व्हीलर पर टैक्स लगाने की खबरें भी लगाई गईं।

यहां जानें फास्टैग सालाना पास के नियम

सवाल 1: FASTag तो पहले से है, फिर ये पास क्यों?

जवाब: FASTag से हर बार टोल क्रॉस करने पर पैसे कटते हैं। लेकिन इस वार्षिक पास के साथ आप एक फिक्स्ड अमाउंट (₹3,000) में सालभर या 200 ट्रिप्स तक टोल फ्री घूम सकेंगे। ये उन लोगों के लिए किफायती है जो नेशनल हाईवे पर बार-बार ट्रैवल करते हैं। साथ ही, ये पास टोल सिस्टम को और ऑर्गनाइज्ड बनाएगा, जिससे सबको फायदा होगा।

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि इतने टोल क्रॉस करने में करीब 10 हजार रुपए खर्च होते है, अब 3000 रुपए में ही काम हो जाएगा।

सवाल 2: ये पास कैसे ले सकते हैं?

जवाब: पास लेना बहुत आसान होगा। NHAI यानी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया और मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे जल्द ही हाईवे ट्रैवल एप और अपनी ऑफिशियल वेबसाइट्स पर एक अलग लिंक शुरू करेंगे। वहां से आप पास के लिए अप्लाई कर सकेंगे।

सवाल 3: 60 किलोमीटर वाला रूल क्या है?

जवाब: कई लोग शिकायत करते थे कि अगर उनके घर के 60 किलोमीटर के दायरे में टोल प्लाजा है, तो बार-बार टोल देना पड़ता है। खासकर जो लोग डेली या हफ्ते में कई बार उसी रास्ते से गुजरते हैं। ये सालाना पास इस प्रॉब्लम को सॉल्व करेगा। अब हर बार टोल देने की जरूरत नहीं।

सवाल 4: क्या ये पास हर टोल प्लाजा पर काम करेगा?

जवाब: ये पास देशभर के नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा पर काम करेगा। आप दिल्ली से मुंबई जा रहे हैं या चेन्नई से बेंगलुरु, हर जगह ये पास स्कैन होगा और पेमेंट हो जाएगा। लेकिन ध्यान दें, ये सिर्फ नेशनल हाईवे के टोल के लिए है, स्टेट हाईवे या लोकल टोल के लिए नहीं।

सवाल 5: इस पास से सरकार का क्या मकसद है?

जवाब: सरकार और NHAI का मकसद है टोल सिस्टम को और बेहतर करना। सरकार चाहती हैं-

  • टोल प्लाजा पर गाड़ियों की लाइन कम हो।
  • लोग डिजिटल पेमेंट को और ज्यादा यूज करें।
  • टोल कर्मी और ड्राइवर्स के बीच झगड़े खत्म हों।
  • 60 किलोमीटर के दायरे में रहने वालों की प्रॉब्लम सॉल्व हो।
  • ओवरऑल, हाईवे ट्रैवल तेज, आसान, और स्ट्रेस-फ्री हो।

फास्टैग क्या है?

फास्टैग एक इलेक्ट्रॉनिक स्टिकर है। इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) चिप लगी होती है। इसे गाड़ी के विंडस्क्रीन पर चिपकाया जाता है।

यह वाहन चालक के बैंक खाते या फास्टैग वॉलेट से अटैच्ड होता है। फास्टैग की मदद से टोल प्लाजा पर बिना रुके टोल शुल्क का भुगतान किया जाता है। इससे समय और ईंधन (फ्यूल) की बचत होती है।

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