2 घंटे पहलेलेखक: किरण जैन
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साल 1991 में आई फिल्म ‘सौदागर’ के गाने ‘इलू इलू’ से पहचान बनाने वाले एक्टर विवेक मुशरान इन दिनों टीवी शो ‘ज्यादा मत उड़’ में नजर आ रहे है। एक्टर की माने तो टीवी कंटेंट को अब बदलना होगा, नहीं तो खत्म हो जाएगा।
हाल ही में दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान, एक्टर ने अपने करियर, ओटीटी प्लेटफॉर्म, टेलीविजन कंटेंट और अपनी फिल्म ‘सौदागर’ के दौर को लेकर खुलकर बातचीत की। पढ़िए बातचीत के कुछ प्रमुख अंश:

मेरा किरदार विजय माल्या का रेप्लिका नहीं है
विवेक मुशरान ने अपने नए शो के बारे में बताया, ‘यह बहुत अलग शो है। एयरलाइन्स पर कॉमेडी शो लंबे समय से नहीं आया था। मेरे किरदार की बात करे तो वह एयरलाइन का मालिक है, जो पहले एपिसोड में ही मर जाता है। वह चाहता था कि उसका बेटा जिम्मेदार बने, लेकिन खुद भी वह थोड़ा अलग मिजाज का आदमी था।’
जब पूछा गया कि उनके किरदार की झलक विजय माल्या जैसी लग रही है, तो उन्होंने कहा, ‘रेप्लिका तो नहीं है, लेकिन अगर आपको लग रहा है तो अच्छी बात है। उससे बेहतर कोई रोल मॉडल नहीं हो सकता एक फ्लैम्बोयंट एयरलाइन मालिक के लिए। लेकिन हमारी ऐसी कोई मंशा नहीं थी।’

टीवी को बदलना होगा, नहीं तो खत्म हो जाएगा
टेलीविजन इंडस्ट्री पर बात करते हुए विवेक ने कहा, ‘सिटकॉम मेरा मेन खुराक है। पहले ‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ और ‘खिचड़ी’ जैसे शोज हिट थे, लेकिन फिर सास-बहू का दौर आ गया। अब वक्त आ गया है कि टीवी को बदलना होगा वरना खत्म हो जाएगा।
ओटीटी और यूट्यूब पर लोग नए और दिलचस्प कंटेंट देख रहे है। ऐसे में टेलीविजन को भी बदलाव की जरूरत है। कलर्स ने यह स्टेप लिया है, जो अच्छा संकेत है।’

ओटीटी पर एक ही तरह का कंटेंट दिखाया जा रहा है
विवेक ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आने वाले कंटेंट को लेकर कहा, ‘ओटीटी पर भी अब एक फॉर्मूला बन गया है। हर जगह एक ही तरह के शोज दिखाए जा रहे है, खासकर क्राइम थ्रिलर और मॉडर्न मिस्ट्रीज का दबदबा है। लेकिन उम्मीद है कि टेलीविजन भी बदलाव लाए और केवल किचन पॉलिटिक्स तक सीमित न रहे।’

स्टिरियोटाइप से बाहर आना आसान नहीं था
विवेक ने अपने करियर में टाइपकास्ट होने के बारे में कहा, ‘जब इंडस्ट्री में शुरुआत की थी, तब से ही मुझे रोमांटिक हीरो की छवि में बांध दिया गया था। लोगों को लगता था कि मैं सिर्फ वही कर सकता हूं। लेकिन मैंने हमेशा कोशिश की कि अलग-अलग किरदार निभाऊं।
अपने करियर को लेकर विवेक ने कहा, ‘अभी तक संतुष्ट नहीं हूं। अब तक टुक-टुक कर रहा था, अब छक्के लगाने का वक्त है। उम्मीद करता हूं कि कुछ अच्छा होगा।’
जब उनसे करियर में किसी टर्निंग पॉइंट के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘भास्कर भारती मेरे लिए टर्निंग पॉइंट था। उसमें मैंने पहली बार ऐसा किरदार निभाया, जहां परफॉर्मेंस ज्यादा मायने रखती थी। उससे पहले मैं हीरो टाइप की एक्टिंग में फंसा हुआ था, जहां लुक्स ज्यादा मायने रखते थे। लेकिन इस शो ने मुझे एक्टिंग को नए तरीके से अपनाने का मौका दिया।’

‘इलू-इलू’ की छवि से बाहर निकलना आसान नहीं था
अपनी शुरुआती फिल्म सौदागर और उसमें उनके सुपरहिट गाने ‘इलू-इलू’ के बारे में बात करते हुए विवेक ने कहा, ‘इस इंडस्ट्री में यह जरूरी है कि लोग आपको याद रखे। मैं चाहता हूं कि मुझे सिर्फ एक चीज के लिए नहीं, बल्कि 50 चीजों के लिए याद रखा जाए।’
मनीषा कोईराला से आज भी दोस्ती बरकरार
विवेक ने बताया कि वह आज भी अपनी ‘सौदागर’ को-स्टार मनीषा कोईराला से अच्छे दोस्त है। उन्होंने कहा, ‘हम साल में 4-5 बार जरूर मिलते है। जब भी उन्हें समय मिलता है, हम अपने फ्रेंड सर्कल के साथ मिलकर बैठते है।’

अब नया सिनेमा आ चुका है
जब उनसे ‘सौदागर’ के रीमेक को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, ‘क्या मुझे दिलीप कुमार या राजकुमार का रोल दोगे? अब वह दौर चला गया। अब एकदम नए तरह की फिल्मों का दौर है। मैं चाहता हूं कि मुझे कोई एंटी-कास्टिंग वाला रोल मिले, जो मेरे लिए एकदम अलग हो।’