…Why is politics heated up over murder and rape cases? | आखिर क्यों हत्या-रेप मामले में गरमाई सियासत: प्रयागराज के 3 लाख दलित वोटर पर नजर, कौशांबी रेपकांड में पाल v/s ब्राह्मण; चंद्रशेखर बोले- बड़ा आंदोलन करेंगे – Prayagraj (Allahabad) News


अजय कुमार, मनीष मिश्रा| प्रयागराजकुछ ही क्षण पहले

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यूपी में इन दिनों प्रयागराज और कौशांबी के मामले ने सियासत को गरमा दिया है। प्रयागराज में एक दलित युवक की हत्या के बाद उसके आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। जबकि, कौशांबी में बच्ची से रेप के मामले में पुलिस की चूक ने मामले को ब्राह्मण बनाम पाल कर दिया है।

दोनों मामले में सत्ताधारी दल को छोड़कर अन्य राजनैतिक दल के नेताओं को जातिगत आधारित वोट की राजनीति नजर आ रही है। इसके चलते पहले सपा फिर बसपा, कांग्रेस और अब आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष, सांसद चंद्रशेखर आजाद ने दोनों परिवारों से मुलाकात के बहाने सियासी पारे को चढ़ा दिया है। इन्हीं दोनों केस में पीड़ित परिवार से मिलने निकले चंद्रशेखर को पुलिस द्वारा रोके जाने पर रविवार को प्रयागराज में 5 घंटे बवाल चला। समर्थकों ने पुलिस की कई गाड़ियां तोड़े दीं। पुलिस पर पथराव किया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा। कई लोग घायल हुए। बवाल पर चंद्रशेखर से भास्कर रिपोर्टर ने बात, फिर दोनों केस और जातीय समीकरण जानिए…

अब चंद्रशेखर का ऐलान- लखनऊ में करेंगे बड़ा आंदोलन रविवार को पुलिस ने चंद्रशेखर आजाद को सर्किट हाउस में करीब 5 घंटे रोक कर रखा। “दैनिक भास्कर” ने चंद्रशेखर आजाद से बातचीत की। चंद्रशेखर ने कहा- आज भले ही पुलिस ने मुझे परिवारों से मिलने से रोक दिया हो, लेकिन इसे लेकर मैं लखनऊ में जल्द ही बड़ा आंदोलन करूंगा। इस मुद्दे को मैं संसद में भी उठाऊंगा।

चंद्रशेखर ने कहा- मैं एक सांसद हूं और पीड़ित परिवार से मिलने के लिए आया था, लेकिन मिलने नहीं दिया गया, क्या मैं टेररिस्ट हूं? पुलिस के लोग इसका जवाब दें कि आखिर मुझे पुलिस उस परिवार से क्यों नहीं मिलने दे रही है। पुलिस तो अपराध रोक नहीं पा रही है। लगातार घटनाएं हो रही हैं। यदि अपराध न हुआ होता तो मैं यहां क्यों आता?

रविवार शाम 5 घंटे तक प्रयागराज का यमुनापार इलाका पुलिस और 5 हजार भीम आर्मी समर्थकों के बीच गुरिल्ला युद्ध का मैदान बना रहा। भीड़ ने पुलिस पर ईंट-पत्थर फेंके। पुलिस की गाड़ियां तोड़कर पलटा दी। कई बाइक जला दीं।

रविवार शाम 5 घंटे तक प्रयागराज का यमुनापार इलाका पुलिस और 5 हजार भीम आर्मी समर्थकों के बीच गुरिल्ला युद्ध का मैदान बना रहा। भीड़ ने पुलिस पर ईंट-पत्थर फेंके। पुलिस की गाड़ियां तोड़कर पलटा दी। कई बाइक जला दीं।

चंद्रशेखर बोले- बवाल करने वाले मेरे समर्थक नहीं चंद्रशेखर आजाद ने कहा- ‘मेरे कार्यकर्ताओं ने कोई हंगामा-बवाल नहीं किया है। जब इस तरह की घटनाएं होती हैं तो कुछ उदंड लोग इसमें घुसकर हंगामा करने का काम करते हैं। मैंने प्रशासन से कहा है कि वीडियो और फोटो के जरिए चिह्नित करके ऐसे लोगों पर कार्रवाई करें। चाहे वह किसी भी संगठन के हों। मैं ऐसे लोगों का समर्थन नहीं करता हूं।

  • अब प्रयागराज और कौशांबी की घटना को एक-एक कर बताते हैं…

1). लड़की से बात करने पर हुई थी दलित की हत्या, पहले शराब पिलाई फिर उसी शराब से जलाया

लाश मिलने के बाद गांव के लोगों ने हंगामा किया। अधिकारी पहुंचे, मगर गांव के लोग बहुत गुस्से में थे।

लाश मिलने के बाद गांव के लोगों ने हंगामा किया। अधिकारी पहुंचे, मगर गांव के लोग बहुत गुस्से में थे।

प्रयागराज में दलित देवी शंकर की 13 अप्रैल को हत्या कर दी गई। पुलिस ने 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनसे पूछताछ में मामला ‘लव अफेयर’ की रंजिश का निकला। देवी शंकर अवधेश सिंह उर्फ डीएम के परिवार की एक लड़की से फोन पर बात करता था।

इसीलिए 12 अप्रैल की रात देवी शंकर को दिलीप सिंह उर्फ छुट्‌टन उसके घर से लाया। पहले सबने शराब पार्टी की। खूब शराब पी और धुत्त हो गए। फिर लड़की से बातचीत के मुद्दे पर झगड़ा शुरू हो गया। यह सब करीब 5 घंटे तक चलता रहा। बाद में आठों लोग मिलकर देवीशंकर पर हावी हो गए। पीट-पीटकर उसको मार डाला। फिर लाश के कपड़े उतारकर शराब में भिगो दिए। लाश पर यही कपड़े डालकर आग लगा दी।

इसके बाद आठों आरोपी भाग निकले, लेकिन तेज हवाओं से आग बुझ गई और लाश पूरी तरह से जल नहीं पाई। 13 अप्रैल की सुबह उसकी अधजली लाश मिलने के बाद देवी शंकर के घरवाले आक्रोशित हो गए। उन्होंने न सिर्फ हत्यारोपियों के घर पर तोड़-फोड़ की थी, बल्कि पोस्टमॉर्टम के लिए पुलिस को 2 घंटे तक लाश भी नहीं उठाने दी।

बाद में पोस्टमॉर्टम के बाद 13 अप्रैल की रात ही पुलिस ने देवी शंकर का जबरन अंतिम संस्कार करवा दिया। इसके बाद लोगों का गुस्सा और बढ़ गया। लोग रोड पर इकट्ठा हो गए और हंगामा करने लगे। दलित हत्या में सियासत बढ़ने के बाद 14 अप्रैल की शाम को दिलीप और अवधेश के खेतों पर बुलडोजर चला। प्रशासन के मुताबिक, 1.5 बीघा सरकारी जमीन पर उनका कब्जा था।

  • कत्ल की रात की पूरी कहानी पढ़िए…

फोन करने पर देवी शंकर नहीं आया, तब छुट्‌टन लेने गया 12 अप्रैल की रात 8 बजे देवी शंकर को फोन करके घर से बुलाया गया। लेकिन, वह घर पर ही रहा। उसके घर से करीब 500 मीटर दूर खेत पर संजय सिंह उर्फ सोनू, अजय सिंह, मोहित सिंह, मनोज सिंह, अवधेश सिंह उर्फ डीएम, दिलीप सिंह उर्फ छुट्‌टन, विमलेश गुप्ता उर्फ डॉन और शेखर सिंह मौजूद थे।

करीब 9.30 बजे सभी ने शराब पीनी शुरू की। उस वक्त हंसी-ठिठोली का माहौल था। 10.30 बजे शराब कम पड़ने लगी। तब दिलीप सिंह उर्फ छुट्‌टन ने कहा कि मैं और दारू लेकर आता हूं। वह बाइक लेकर गया। जब वापस आया, तब देवी शंकर उसके साथ में था। यहां रात में 2 बजे तक सबने शराब पी।

देवी शंकर की मां ने कहा- मेरे बेटे को जिस तरह से मारा गया, आरोपियों को भी वैसे ही मौत मिले।

देवी शंकर की मां ने कहा- मेरे बेटे को जिस तरह से मारा गया, आरोपियों को भी वैसे ही मौत मिले।

अवधेश ने कहा- फोन पर बात बंद करो, नहीं तो गांव में रह नहीं पाओगे पुलिस पूछताछ में सामने आया कि अचानक अवधेश सिंह उर्फ डीएम के परिवार की एक लड़की को लेकर बहस शुरू हुई। विवाद इस बात का था कि देवी शंकर उस लड़की से फोन पर बात करता था।

अवधेश और दिलीप का देवी शंकर से झगड़ा शुरू हुआ। अवधेश ने गाली देकर कहा कि ये सब बंद कर दो, नहीं तो गांव में रह नहीं पाओगे। देवी शंकर ने कह दिया कि गांव में 80% दलित रहते हैं, तुम ठाकुर तो गिनती के हो। मुझे क्या धमकी देते हो? इस पर अवधेश और दिलीप ने देवी शंकर की पिटाई शुरू कर दी।

शराब के नशे में देवी शंकर भी मारपीट करने लगा। इसके बाद सब मिलकर देवी को पीटने लगे। सब नशे में थे। मारने की मंशा नहीं थी, लेकिन ज्यादा मारपीट से देवी शंकर की सांस थम गई।

अजय-संजय फावड़ा लाए कि लाश गाड़ देंगे इसके बाद अजय और उसका भाई संजय फावड़े लेकर आए। बोले कि लाश को यही खेत में गाड़ देते हैं। सुबह बता देंगे कि देवी शंकर का भेद खुल गया था, इसलिए वो कहीं भाग गया।

उन लोगों को गड्‌ढा खोदते-खोदते सुबह के 3.30 बज गए। तब ये लोग घबरा गए कि कुछ देर में गांव में लोग जागने लगेंगे और खेतों की तरफ आएंगे। इसके बाद इन लोगों ने देवी शंकर की लाश के कपड़े उतारे। उन्हें शराब में भिगोया और दोबारा लाश पर डाल दिया।

आसपास पड़ी पुआल को भी लाश पर डाल दिया और आग लगा दी। फिर सभी आरोपी वहां से भाग गए। लेकिन, उस रात हवा तेज चल रही थी। इसलिए जल्दी ही आग बुझ गई।

किरकिरी हुई तो पुलिस ने नेताओं के गांव जाने पर रोक लगा दी देवी शंकर की हत्या में दलित उत्पीड़न के आरोप लगने लगे और मामला राजनीतिक रंग लेने लगा। इसमें अलग-अलग दिन समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेताओं के साथ प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने पीड़ित परिवार से मिलकर आर्थिक मदद दी। इंसाफ दिलाने का भरोसा जताया।

इसके बाद बसपा प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी पीड़ित परिवार के घर जाकर प्रदेश की कानून व्यवस्था और दलित उत्पीड़न का मुद्दा उठाया। इसे लेकर करछना थाना पुलिस समेत प्रयागराज पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगने लगे। किरकिरी से बचने के लिए पुलिस अधिकारियों ने गांव और पीड़ित परिवार के पास जाने वाले नेताओं पर रोक लगा दी।

2). कौशांबी में 7 साल की बच्ची से रेप, आरोपी युवक के पिता ने थाने के सामने जहर खाकर जान दी

तस्वीर 5 जून की है, 29 मई को रेप के आरोपी धन्नू को जेल भेजा गया। फिर 4 जून को धन्नू के पिता ने सुसाइड कर लिया। अगले दिन 5 जून को धन्नू के परिजनों ने लाश रखकर रोड जाम कर दिया।

तस्वीर 5 जून की है, 29 मई को रेप के आरोपी धन्नू को जेल भेजा गया। फिर 4 जून को धन्नू के पिता ने सुसाइड कर लिया। अगले दिन 5 जून को धन्नू के परिजनों ने लाश रखकर रोड जाम कर दिया।

कौशांबी की 7 साल की बच्ची के साथ 28 मई 2025 को ईंट भट्‌ठा पर रेप हुआ। आरोप गांव के सिद्धार्थ उर्फ धन्नू पर लगा। 29 मई को धन्नू को जेल भेजा गया। 4 जून को धन्नू के पिता रामबाबू ने सैनी थाने के सामने जहर खाकर जान दे दी। रामबाबू ने पेट पर सुसाइड नोट भी लिखा। पीड़ित बच्ची पाल समाज से और आरोपी ब्राह्मण हैं।

5 जून को परिवार ने लाश को नेशनल हाईवे-2 पर रखकर जाम लगा दिया। 2 घंटे के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज करके सबको हटा दिया। 6 जून को रामबाबू के परिवार के 10 लोगों के खिलाफ FIR लिखी गई।

इसी दौरान डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के सोशल मीडिया पोस्ट से जांच की दिशा बदल गई। आनन-फानन में सैनी थानेदार समेत दो दारोगा सस्पेंड कर दिए गए। अपनी कुर्सी बचाने के लिए अफसरों ने तत्कालीन SIT प्रमुख रहे सर्किल अफसर का सर्किल भी बदल दिया। पीड़ित लड़की के पिता को अब आरोपी के पिता की मौत के मामले में जेल भेजा गया है, जबकि गांव के प्रधान भूप नारायण पाल को SP ने 25 हजार रुपए का इनामी घोषित कर दिया। हालांकि, हाईकोर्ट ने प्रधान की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। मामले में कौशांबी पुलिस की किरकिरी हुई और अब पूरे मामले की जांच SIT प्रतापगढ़ को सौंप दी गई है, जिसकी मॉनिटरिंग प्रयागराज के आईजी रोज कर रहे हैं।

बच्ची ने कहा- मोबाइल में गंदी पिक्चर दिखाकर मुझे छूने लगा

उस वक्त भास्कर से बातचीत में बच्ची ने बताया- मैं तो रामायण देखकर आ रही थी। गांव के बाहर वाले ईट भट्‌ठे के पास धन्नू मिला। उसने कहा- आओ, तुम्हें मोबाइल दिखाएं। फिर उसने कुछ पिक्चर दिखाई। वो गंदी थीं… फिर वो मुझे जगह-जगह छूने लगा।

मुझे ऐसी जगह छुआ कि मैं भागने लगी, तब उसने मुझे पकड़ लिया। गलत काम करने लगा। मैं चिल्लाना चाहती थी, लेकिन उसने मेरा मुंह दबा दिया। तब तक गांव का एक और लड़का वहां पहुंच गया। उसने शोर मचाया, तब धन्नू भाग गया। मैं घर आई तो मम्मी को सबकुछ बताया।

आरोपी के पिता ने पेट पर सुसाइड नोट में क्या लिखा… रामबाबू ने जहर खाने से पहले पेट पर सुसाइड नोट में लिखा था- मेरा लड़का निर्दोष है। मेरे पास एक दिन गांव के एक व्यक्ति ने आकर कहा कि मेरे भाई का एक प्लॉट रोड पर है। मेरे भाई ने अपना प्लाट गांव के रामेश्वर के हाथ बेच दिया है। मैं ये प्लॉट तुम्हें देना चाहता हूं। लेकिन मैं 1.5 लाख से कम नहीं लूंगा। तुम्हें 1.20 लाख में दूंगा। मै‌ंने उसको समझाया कि तू गरीब आदमी है। तेरे एक-दो बच्चे भी हैं। जमीन बेचने के बाद दोबारा खरीदने में दिक्कत होगी। तू एक काम कर जमीन मत बेच, तुझको जितने रुपए चाहिए…ले लो।

रामबाबू के पेट पर इस तरह से सुसाइड नोट लिखा मिला था।

रामबाबू के पेट पर इस तरह से सुसाइड नोट लिखा मिला था।

उसने कहा कि मुझे पैसे का काम है। फिर मैंने उसे एक लाख रुपए दे दिए। एक साल बीत गए। जब रुपए मांगता हूं तो वह आनाकानी करता था। फिर मैंने कहा 5- 5 हजार करके वापस कर देना, पर उसने नहीं दिया। 27 मई को उसकी पत्नी ने घर आकर मुझसे पैसे मांगे, तो मैंने कहा कि पहले से ही तुम्हारे पति ने रुपए ले रखे हैं। इतने में वह उठकर चली गई। रात 9 बजे आकर कहती है, तेरे जैसे बहुत से देने वाले लोग हैं।‌

उसने मेरे लड़के को फंसाया है। अगर उसके लड़के हैं तो मैं उसे छोडूंगा नहीं, मरने के बाद भी नहीं, ये मेरा वादा है। क्योंकि मैं जीते जी तो बदला ले नहीं सका, इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं।

प्रयागराज और कौशांबी का सियासी समीकरण प्रयागराज दो संसदीय क्षेत्रों में बंटा है… पहला प्रयागराज और दूसरा फूलपुर। प्रयागराज संसदीय सीट में करीब 3.15 लाख और फूलपुर में 2.65 लाख दलित वोटर हैं। खासकर करछना की बात करें तो कुल 3.3 लाख वोटर्स में 48 हजार से ज्यादा दलित वोटर हैं, यानी कुल वोटरों का करीब 12% हिस्सा। ऐसे में अगर दलित वोटर सत्ताधारी दल से नाराज होता है तो क्षेत्रीय दलों के नेताओं की राजनीति मजबूत होगी।

इसी तरह कौशांबी में महज 7 साल की बच्ची से दुष्कर्म के बाद पुलिस की चूक ने सियासी दलों को बड़ा मौका दे दिया है। इस संसदीय सीट पर पहले भाजपा के विनोद सोनकर सांसद थे, जो 2 बार से जीतते आ रहे थे। पार्टी ने उन्हें बड़ा दलित चेहरा बनाने की कोशिश की और अनुसूचित मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया। लेकिन, इस बार PM का मैजिक भी उन्हें जीत नहीं दिला सका। इस सीट पर सपा के युवा नेता पुष्पेंद्र सरोज सांसद बन गए।

दलित बहुल कौशांबी की सुरक्षित सीट के अलावा विधानसभा सीट भी समाजवादी पार्टी के खाते में चली गई। अकेले सिराथू विधानसभा में कुल 3.65 लाख वोटरों में SC 45%, पिछड़ा वर्ग 24% और मिश्रित वर्ग के 32% वोटर हैं। इसमें पाल समाज के 25 हजार और ब्राह्मण समाज के करीब 70 हजार वोटर हैं। अगर पूरे जिले की बात करें तो ब्राह्मण करीब 2 लाख और पाल समाज के करीब 70 हजार वोटर हैं।

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प्रयागराज के करछना में चंद्रशेखर आजाद के समर्थकों ने जमकर उपद्रव किया। न सिर्फ पुलिस और पब्लिक की गाड़ियां तोड़ीं, बल्कि ईंट-पत्थर चलाकर आम लोगों को भी घायल कर दिया।

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आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा सांसद चंद्रशेखर आजाद को रविवार को प्रयागराज में हाउस अरेस्ट कर लिया गया। वह कौशांबी और करछना में हाल में हुई घटनाओं के पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने जा रहे थे। फिर वह अपने समर्थकों के साथ सर्किट हाउस में ही धरने पर बैठ गए। वहीं, हाउस अरेस्ट के विरोध में चंद्रशेखर के 5000 समर्थकों ने करछना इलाके में सड़क पर जमकर हंगामा किया। पुलिस की गाड़ियां तोड़ दीं और बसों पर पथराव कर दिया। पुलिस की 8 और बसों समेत 7 प्राइवेट गाड़ियों में तोड़फोड़ की। पूरी खबर पढ़िए

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