yamunanagar nia raids villages 10 lakh reward criminal investigation | यमुनानगर के दो गांवों में एनआईए की रेड: 10 लाख के इनामी बदमाश के घर जांच, चार घंटे पूछताछ, विदेशी व्यक्ति से लेनदेन का मामला – Yamunanagar News



राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आज (गुरुवार) सुबह यमुनानगर के दो गांवों चंदाखेड़ी और खारवन में छापेमारी की। सुबह करीब 4 बजे शुरू हुई इस कार्रवाई में एनआईए की टीम ने स्थानीय पुलिस बल के साथ मिलकर दो संदिग्धों के घरों पर रेड डाली।

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एनआईए की टीम सबसे पहले गांव चंदाखेड़ी पहुंची, जहां जॉनी नामक व्यक्ति के घर पर छापा मारा गया। सूत्रों के अनुसार, जॉनी का विदेश में बैठे एक संदिग्ध व्यक्ति के साथ कई बार वित्तीय लेन-देन और फोन पर बातचीत होने की जानकारी मिली थी। जांच के दौरान सभी पारिवारिक सदस्यों से भी से गहन पूछताछ की गई।

10 लाख के इनामी बदमाश कुलबीर सिंह सिद्धू के घर जांच

इसके बाद एनआईए की टीम गांव खारवन में 10 लाख के इनामी बदमाश कुलबीर सिंह सिद्धू के घर पहुंची। सिद्धू का नाम पंजाब के गुरदासपुर जिले में एक पुलिस चौकी पर ग्रेनेड हमले के मामले में सामने आया था।

जांच के दौरान एनआईए ने सख्त रवैया अपनाया। इस दौरान न तो परिवार के किसी सदस्य को घर से बाहर जाने की अनुमति दी गई और न ही किसी बाहरी व्यक्ति को घर में प्रवेश करने दिया गया। करीब तीन से चार घंटे तक चली इस कार्रवाई में सिद्धू के परिवार के सभी सदस्यों से पूछताछ की गई।

वीएचपी नेता की हत्या और पुलिस थानों पर ग्रेनेड के हमले

अप्रैल 2023 में पंजाब के रूपनगर जिले में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के नेता विकास बग्गा की हत्या कर दी गई थी। मामले की जांच कर रही NIA ने खुलासा किया था कि कुलबीर ने ही बग्गा की हत्या की साजिश रची थी। इसके बाद नवंबर से दिसबंर 2024 के बीच सिद्धू का नाम पंजाब में 8 थानों, पुलिस चौकियों पर ग्रेनेड हमलों में सामने आया।

दिसंबर 2024 में एनआईए ने सिद्धू को बब्बर खालसा इंटरनेशनल का ऑपरेटिव घोषित किया था, जिस पर 10 लाख रुपए का इनाम रखा गया, जिसके बाकायदा जगह-जगह पोस्टर भी लगाए गए। वह तीन खालिस्तानी आतंकवादियों को वित्तीय सहायता देने का मुख्य आरोपी है। एनआईए पहले भी सिद्धू के घर पर कई बार छापेमारी कर चुकी है।

सिद्धू के इशारे पर काम कर रहे थे आतंकी

एनआईए के मुताबिक, 23 दिसंबर 2024 को पीलीभीत में जिन 3 खालिस्तानी आतंकियों का एनकाउंटर किया गया, वे सिद्धू के इशारे पर काम कर रहे थे। सिद्धू 2020-21 में पीलीभीत में करीब 10 महीने रह चुका है। इसी दौरान उसने वीजा दिलाने, विदेश भेजने का लालच देकर यहां के लड़कों से दोस्ती की और यूपी में अपना नेटवर्क फैलाया।

सिद्धू के घर एनआईए की इस कार्रवाई से इलाके में हलचल मच गई है। अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि यह जांच आतंकी गतिविधियों और उनके वित्तीय नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है।



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