Your identity will survive only if you remain dedicated to your goal – Arijit Singh | इंस्पायरिंग: आपकी पहचान तभी टिक पाएगी, जब आप अपने लक्ष्य को लेकर समर्पित रहेंगे – अरिजीत सिंह


2 घंटे पहले

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  • सिंगर अरिजीत सिंह हाल ही में एक म्यूजिक एप पर 15.1 करोड़ फॉलोअर्स हासिल कर चर्चा में हैं। उनके सफर को जानिए, उन्हीं की जुबानी…

‘स्टार’ और ‘सेलेब्रिटी’ जैसे शब्द काल्पनिक हैं। इन शब्दों ने हमारी फिल्म इंडस्ट्री और शो बिजनेस में ज्यादा महत्व पा लिया है। किसी अन्य व्यवसाय की तरह हमारी इंडस्ट्री भी एक जगह है जहां क्रिएटिव लोग एक साथ आते हैं और फिल्म या म्यूजिक बनाते हैं। तो, असल में कुछ नहीं बदला है, सब वैसा ही है। मुझे आज भी पहले की तरह शांत और सादा जीवन जीने में खुशी मिलती है। संगीत में रुचि मेरी मां की वजह से हुई। बचपन में मैंने तबला बजाना सीखा। मेरे तीन गुरु थे। एक ने रवींद्र संगीत सिखाया, दूसरे ने वाद्य यंत्र सिखाया और तीसरे ने वोकल्स पर काम करवाया। अच्छी बात यह है कि किसी ने मुझ पर गाना या संगीत सीखने का दबाव नहीं डाला। यह सब अपने आप ही हुआ। मैं जब काम में रम जाता हूं, तो मुझे कोई होश नहीं रहता। मुझे तो यह भी पता नहीं था कि मेरा पहला बॉलीवुड गाना कब रिलीज हुआ। मैंने यह गाना 2009 में गाया था और इसके बाद इसे भूल गया था। 2011 में जब मेरे एक दोस्त ने मुझे बताया, तभी मुझे पता चला कि यह गाना रिलीज हो गया है। इसके हिट होने के बाद भी मुझे प्लेबैक सिंगिंग करने की कोई खास इच्छा नहीं हुई, मैं म्यूजिक प्रोग्रामिंग में बहुत बिजी था। 2005 में 18 साल की उम्र में म्यूजिक रियलिटी शो ‘फेम गुरुकुल’ के ऑडिशन के लिए मैं लाइन में लगा। यह बॉलीवुड म्यूजिक इंडस्ट्री में आने के लिए बिल्कुल भी नहीं था। मैं सिर्फ यह देखना चाहता था कि मैं कहां खड़ा हूं। जब तक आप दूसरों से प्रतियोगिता नहीं करेंगे, तब तक आपको यह पता नहीं चलेगा। मैंने बहुत संघर्ष किया है, लेकिन मेरे संघर्ष में कोई खास अलग बात नहीं रही है। हर गायक जो मुंबई आता है, उसे यही सफर तय करना पड़ता है। आप अपने डेमो लेकर म्यूजिक डायरेक्टर्स के पास जाते हैं, उम्मीद करते हैं कि कोई तो आपके टैलेंट को पहचानेगा। आप उन लोगों से मिलते हैं, जो वही करना चाहते हैं और उनकी जिंदगी की कहानियां सुनते हैं। ये कहानियां कई बार आपकी खुद की जिंदगी से अधिक मुश्किल लगती हैं और मुझे लगता है कि यही चीज मुझे हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देती रही है। मैं म्यूजिक में इसलिए आया क्योंकि मुझे यह पसंद था, न कि इसलिए कि मुझे फेमस होना था। किसी भी वजह से आपको मिली पहचान तभी टिक सकती है जब आप अपने लक्ष्य को लेकर समर्पित हों। जब लोग मुझे इंडस्ट्री में पहचानने लगे, तो भी मैं खुद उनके पास गया और अपॉइंटमेंट लिया। कोशिश तो आपको ही करनी होगी, उस वक्त तक… जब तक आप लक्ष्य को हासिल नहीं करते।

भावनाओं और विचारों का आदान-प्रदान जरूरी है मेरे लिए कोई भी कॉन्सर्ट ऐसा होता है, जैसे आप अपने दोस्तों को घर की पार्टी में बुलाते हैं और दिल खोलकर गाते हैं और आसपास के लोग भी आपके साथ जुड़ जाते हैं। जब मैं स्टेज पर होता हूं, तो यह सुनिश्चित कर लेता हूं कि मैं ऑडियंस से संवाद कर सकूं। जब तक आप बात नहीं करेंगे, मजा नहीं आएगा। वन वे कम्युनिकेशन लंबा नहीं टिक सकता। भावनाओं और विचारों का आदान-प्रदान बेहद जरूरी है। (तमाम इंटरव्यूज में)



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