Coaching centers will not be able to charge arbitrary fees | मनमानी फीस नहीं वसूल पाएंगे कोचिंग सेंटर्स: बीच में छोड़ने पर लौटानी होगी फीस, राजस्थान कोचिंग सेंटर्स बिल विधानसभा में पेश


11 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

गुरुवार को राजस्थान कोचिंग सेंटर्स (कंट्रोल एंड रेगुलेशन) बिल 2025 विधानसभा में पेश किया गया। राज्य में कोचिंग करने वाले स्टूडेंट्स की बढ़ती सुसाइड और कोचिंग सेंटर्स की मनमानी को रोकने के लिए ये बिल लाया गया है। हालांकि इस बिल को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।

केंद्र की गाइडलाइंस राज्य के बिल से अलग

राजस्थान कोचिंग सेंटर्स (कंट्रोल एंड रेगुलेशन) बिल 2025 को लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि बिल में केंद्र की गाइडलाइंस को बिल में जगह नहीं दी गई है।

कुछ पेरेंट्स एसोसिएशन्स ने सवाल खड़े करते हुए कहा है कि ये मजबूत बिल नहीं है। केंद्र सरकार ने कोचिंग सेंटर्स को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा कमजोर बिल पेश किया है।

इस बिल का विरोध करने वालों के तर्क….

  • केंद्र सरकार की जनवरी 2024 की गाइडलाइंस के अनुसार कोचिंग सेंटर्स को नियमों का उल्लंघन पहली बार करने पर 25,000 रुपए और दूसरी बार करने पर 1 लाख रुपए जुर्माना भरना होगा। वहीं, राजस्थान सरकार के बिल में पहली बार जुर्माना 2 लाख रुपए और दूसरी बार जुर्माना 5 लाख रुपए है। लोगों का कहना है कि दोनों के अलग प्रावधान होने की वजह से कहीं ऐसा न हो कि कोचिंग सेंटर्स बीच का कोई बचने का रास्ता निकाल ले।
  • केंद्र की गाइडलाइंस के अनुसार 16 साल से कम उम्र के बच्चे कोचिंग सेंटर्स में एडमिशन नहीं ले सकते। लेकिन राज्य सरकार के बिल में एज लिमिट को लेकर कोई प्रावधान नहीं है।
  • कई बार स्टूडेंट्स कोचिंग सेंटर्स से मिसिंग हो जाते हैं और कई दिन बाद ये बात पेरेंट्स तक पहुंचती है। बिल के एक पुराने वर्जन में कोचिंग सेंटर्स के लिए स्टूडेंट्स की बॉयोमेट्रिक अटेंडेंट लेने का नियम जोड़ा गया था। लेकिन विधानसभा में पेश बिल से ये नियम गायब है।
  • बिल के ड्राफ्ट वर्जन में कहा गया था कि कोचिंग सेंटर्स को नेशनल हॉलीडेज, त्योहारों और डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर द्वारा घोषित छुट्टियों को लेकर राज्य सरकार के नियमों का पालन करना होगा। लेकिन विधानसभा में पेश बिल में कहा गया है कि कोचिंग सेंटर्स को फेस्टिवल के अनुसार बच्चों को छुट्टियां देने का प्रयास करना चाहिए। साथ ही नेशनल और लोकल हॉलीडेज का भी कोई जिक्र बिल में नहीं है।
  • कोचिंग सेंटर्स को फीमेल और डिफरेंटली एबल्ड स्टूडेंट्स को एडमिशन देने के लिए स्पेशल प्रावधान बनाने चाहिए। कोचिंग सेंटर्स की बिल्डिंग्स राइट्स ऑफ पर्सन्स विद डिसएबिलिटी एक्ट 2016 के अनुसार होनी चाहिए। ये दोनों पॉइंट्स ड्राफ्ट में शामिल थे लेकिन अब बिल से हटा दिए गए हैं।

2024 में केंद्र सरकार ने जारी की थी गाइडलाइंस

शिक्षा मंत्रालय ने 2024 में कोचिंग इंस्टीट्यूट्स के लिए गाइडलाइंस जारी की थीं। इसके तहत कोचिंग इंस्टीट्यूट्स 16 साल से कम उम्र के बच्‍चों को एडमिशन नहीं दे सकते। भ्रामक वादे करना और अच्‍छे नंबरों की गारंटी देने पर भी पाबंदी लगा दी गई।

स्‍टूडेंट्स की आत्महत्या के बढ़ते मामलों, क्‍लासेज में आग की घटनाओं और कोचिंग सेंटर्स में सुविधाओं की कमी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने यह गाइडलाइंस जारी की थीं।

इसके बाद भ्रामक विज्ञापनों को लेकर भी केंद्र सरकार गाइडलाइंस जारी कर चुकी है। इसके अनुसार कोचिंग सेंटर्स 100% सिलेक्शन और 100% नौकरी देने का दावा नहीं कर सकते।

राज्य में दो महीने के अंदर 7 स्टूडेंट सुसाइड

राजस्थान सरकार का ये फैसला कोटा में बढ़ते स्टूडेंट सुसाइड के दौरान आया है। कोटा में इस साल अब तक 7 स्टूडेंट्स सुसाइड कर चुके हैं।

एजुकेशन की ऐसी ही और खबरों के लिए पढ़ें…

1. QS वर्ल्‍ड रैंकिंग 2025 सब्‍जेक्‍ट वाइज जारी:देश की 79 यूनिवर्सिटीज शामिल, पिछले साल से 10 ज्‍यादा; टॉप 50 में 9 भारतीय इंस्टिट्यूट्स

QS वर्ल्‍ड सब्‍जेक्‍ट वाइस रैंकिंग 2025 जारी हो गई है। इसमें भारत के 9 हायर एजुकेशनल इंस्टिट्यूट्स ने टॉप 50 में जगह बनाई है। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…



Source link

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top