Dupahiya is coming with a tadka of comedy | ‘दुपहिया’ में कॉमेडी के साथ दिखेगी गांव-घर की कहानी: गजराज राव बोले- खुशकिस्मत हूं कि मुझे अच्छे को-एक्टर्स मिले


10 घंटे पहलेलेखक: आशीष तिवारी

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अमेजन प्राइम पर 7 मार्च को कॉमेडी-ड्रामा सीरीज ‘दुपहिया’ रिलीज हो गई है। कहानी बिहार के धड़कपुर नाम के एक काल्पनिक गांव की है। गांव जो पिछले 25 साल से अपराध-मुक्त है और इसका जश्न मनाने की तैयारी चल रही है। इसी दौरान गांव की प्रतिष्ठित ‘दुपहिया’ चोरी हो जाती है। इसके बाद, गांव वाले मोटरसाइकिल को ढूंढने में लग जाते हैं।

इस सीरीज में गजराज राव, रेणुका शहाणे, भुवन अरोड़ा, स्पर्श श्रीवास्तव, शिवानी रघुवंशी और यशपाल शर्मा मुख्य भूमिकाओं में हैं। सीरीज को सोनम नायर ने डायरेक्ट किया है।

गजराज राव, भुवन अरोड़ा, स्पर्श श्रीवास्तव और शिवानी रघुवंशी ने दैनिक भास्कर से बातचीत की है। पढ़िए इंटरव्यू की प्रमुख बातें…

'दुपहिया' में हास्य, सामाजिक संदेश और मनोरंजन का अनूठा मिश्रण देखने मिल रहा है।

‘दुपहिया’ में हास्य, सामाजिक संदेश और मनोरंजन का अनूठा मिश्रण देखने मिल रहा है।

सवाल- ‘दुपहिया’ में काम करने के दौरान सेट पर माहौल कैसा था?

जवाब/स्पर्श- सेट का माहौल कमाल का था। शूटिंग का माहौल बहुत मजेदार था। हर कोई एक-दूसरे की मदद कर रहा था। गजराज सर के साथ काम करना मजेदार था। शूटिंग में समय जरूर लगा, लेकिन मजा भी खूब आया। यह सफर हमेशा याद रहेगा।

गजराज- जब आप काम करते हैं और अगर एक्टर्स में आपस में तालमेल न हो, तो अजीब सा लगता है। सेट पर ज्यादातर समय कैमरे के पीछे बीतता है। अगर आपस में हंसी-मजाक और इज्जत न हो, तो चीजें बोरिंग लगने लगती हैं। खुशकिस्मत हूं कि मुझे हमेशा अच्छे को-एक्टर्स मिले हैं। मेरे लिए यह सिर्फ काम नहीं, बल्कि क्लासरूम भी है। यहां जिंदगी के नए सबक मिलते हैं। जब आप शिवानी की मेहनत या भुवन की बिंदास अप्रोच देखते हैं, तो प्रेरणा मिलती है। कैमरे के पीछे भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है। रेणुका जी या यशपाल शर्मा जैसे कलाकारों से बहुत कुछ जानने को मिला।

शिवानी- हम सब नए हैं, हमारे पास ज्यादा अनुभव नहीं है, लेकिन गजराज सर का सालों का एक्टिंग, डायरेक्शन, प्रोडक्शन और थिएटर तक का एक्सपीरियंस है। हमें बहुत बढ़िया टीम मिली। हमारे बीच की ट्यूनिंग अपने आप हो गई, सर ने इसका पूरा ध्यान रखा। हर दिन बातें होती थीं, मजाक चलता था।

स्पर्श को फिल्म 'लापता लेडीज' में काफी पसंद किया गया। उसकी कहानी भी छोटे गांव की थी।

स्पर्श को फिल्म ‘लापता लेडीज’ में काफी पसंद किया गया। उसकी कहानी भी छोटे गांव की थी।

भुवन- गजराज सर ने सेट का टोन सेट किया। शूटिंग में डायरेक्टर की जिम्मेदारी तो होती ही है, लेकिन सीनियर एक्टर का रोल भी अहम होता है। गजराज सर ने इतना सहज माहौल बना दिया कि सब कुछ आसान हो गया। गजराज सर बहुत अच्छे से शूट का टेम्पो सेट करते हैं और एक रिलैक्सिंग माहौल बनाते हैं।

सवाल- ‘दुपहिया’ से आपकी क्या यादें जुड़ी हैं?

जवाब/गजराज- मेरी पहली दुपहिया की मेमोरी फिल्म ‘शोले’ से है। जय और वीरू की बाइक है। उसके बाद ‘मुकद्दर का सिकंदर’ में अमिताभ बच्चन सर की उड़ती हुई ज़ुल्फें देखकर मैं हैरान रह गया था। बड़े होने पर पापा की स्कूटर चलाया करता था। एक बार मेरा उससे एक्सीडेंट हुआ। वो मेरे लिए शॉकिंग था। फिर एक बार मैं दोस्त की बाइक से दिल्ली से राजस्थान के कोटपूतली शूटिंग के लिए जा रहा था। पता नहीं मुझे क्या हुआ, जोश में आकर मैंने दो ट्रकों के बीच से बाइक निकालने की कोशिश की। उस दिन मैं सिर्फ तीन इंच से बच गया था। उसके बाद मैंने बाइक को हाथ नहीं लगाया है।

भुवन- हर लड़के की पहली डिमांड होती है कि मुझे बाइक दिला दो। यह बहुत ही रिलेटेबल है। मेरी पहली सवारी दोपहिया ही थी। बाइक का एक अलग ही क्रेज होता है। मैं आज भी एक राइडर हूं। इस शो की शूटिंग के दौरान भी बाइक राइडिंग का खूब मजा लिया। यह बहुत ही नॉस्टैल्जिक था, जैसे अपनी पहली बाइक खरीदने का एहसास था।

शिवानी- मुझे टू-व्हीलर्स से हमेशा डर लगता था. डर की वजह है कि एक स्कूटर मेरे ऊपर से चढ़ गया था। साथ ही एक बार मैंने एक एक्सीडेंट देखा था, जो हमेशा दिमाग में रह गया। इसलिए मुझे टू-व्हीलर्स से थोड़ा डर लगता है।

स्पर्श- दुपहिया मुझे मेरे शहर आगरा के दिनों की याद दिलाता है. दोस्तों के साथ तिपहिया बनाकर मथुरा और भरतपुर निकल जाना।

इससे पहले शिवानी अमेजन के शो 'मेड इन हेवेन' और भुवन में 'फर्जी' में दिखे थे।

इससे पहले शिवानी अमेजन के शो ‘मेड इन हेवेन’ और भुवन में ‘फर्जी’ में दिखे थे।

सवाल- आपके लिए ‘दुपहिया’ क्या मायने रखती है और इसमें काम करने का अनुभव कैसा रहा?

जवाब/गजराज- यह प्रोजेक्ट मेरे लिए बहुत खास और यादगार रहा। हमारी प्रोड्यूसर्स शोभा और सलोना और डायरेक्टर सोनम, तीनों एक दमदार महिला ब्रिगेड हैं। उनके साथ दूरदराज के इलाकों में शूटिंग करना एक यादगार अनुभव रहा।

भुवन- ऐसे शो बहुत कम बनते हैं जो मजेदार हों और साथ में एक संदेश भी दें। यह शो परिवार के साथ देखने लायक है। आप खुलकर हंस सकते हैं और किसी डार्क ट्विस्ट की टेंशन नहीं होगी। ऐसे शो अब कम देखने को मिलते हैं।

शिवानी- यह मेरे लिए एक नया अनुभव था। मैंने कभी कॉमेडी नहीं की थी। इससे पहले मैंने जो काम किया है, उसे मेरे दादा-दादी नहीं देखा, लेकिन ‘दुपहिया’ को वे भी देख पाएंगे और समझ पाएंगे।

स्पर्श- इस शो में मेरे किरदार ने मुझे खुद को एक्सप्लोर करने का मौका दिया। मुझे इसमें काम करने में बहुत मजा आया और मुझे यकीन है कि दर्शकों को भी उतना ही मजा आएगा।

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