Swami Vivekananda Life Lesson; Hard Work And Success | Motivational Story | स्वामी विवेकानंद की सीख: एक व्यक्ति ने विवेकानंद से पूछा- खूब मेहनत करता हूं, लेकिन मुझे सफलता क्यों नहीं मिलती?


3 दिन पहले

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स्वामी विवेकानंद से जुड़ा किस्सा है। स्वामी विवेकानंद अपने आश्रम में उपदेश दे रहे थे। उनके उपदेश सुन रहे लोगों में से एक व्यक्ति उठा और स्वामी जी से प्रश्न पूछने लगा कि उसे सफलता क्यों नहीं मिलती है। वह लगातार प्रश्न पूछ रहा था और बहस भी कर रहा था। वह व्यक्ति कह रहा था कि मैं दिनभर कई काम करता हूं, खूब मेहनत करता हूं, लेकिन मेरा कोई भी काम पूरा नहीं हो पाता है। मैं सफल नहीं हो पा रहा हूं।

विवेकानंद जी ने उस व्यक्ति को समझाने की कई बार कोशिश की। वे कुछ समझाने की कोशिश करते, उससे पहले वह व्यक्ति फिर से बोलना शुरू कर देता, वह चुप ही नहीं हो रहा था। स्वामी शांत हो गए, लेकिन वे समझ गए थे कि इस व्यक्ति का कहना ये है कि ये मेहनत बहुत करता है, लेकिन इसे सफलता नहीं मिलती है।

जब वह बोलते-बोलते थक गया, तब स्वामी जी ने उस व्यक्ति से कहा कि मैं आपके प्रश्नों का उत्तर दूंगा, लेकिन उससे पहले क्या आप मेरा एक काम कर सकते हैं?

व्यक्ति ने कहा कि बताइए, क्या काम है?

स्वामी जी ने कहा कि हमारे आश्रम में एक कुत्ता है, आप उसे कुछ देर घुमा लाइए। जो व्यक्ति उसे घुमाने ले जाता है, वह अभी है नहीं, आज आप ही उसे घुमा लाइए। ये कुत्ता बड़ा आज्ञाकारी है।

स्वामी जी की बात मानकर वह व्यक्ति कुत्ते को घुमाने ले गया। एक घंटे बाद वह व्यक्ति कुत्ते को घुमाकर लौटा। व्यक्ति तो कम थका हुआ था, लेकिन कुत्ता बहुत ज्यादा थक गया था, उससे चलते भी नहीं बन रहा था।

विवेकानंद जी ने उस व्यक्ति से पूछा कि आप दोनों साथ में गए थे और साथ में ही लौटे, लेकिन ये कुत्ता तो बहुत अधिक थका हुआ है और आप कम थके हैं। ऐसा क्यों हुआ?

उस व्यक्ति ने कहा कि जिस गली में इसे दूसरे कुत्ते दिख जाते, ये उस गली में दौड़ लगा देता, फिर मैं रस्सी पकड़कर इसे वापस लेकर आता। थोड़ा आगे बढ़ते तो फिर ये दौड़ लगा देता, पूरे समय ये दौड़ता रहा, इस कारण इसे थकना ही था। इसके मुकाबले मैंने परिश्रम कम किया, इसलिए मैं नहीं थका।

स्वामी जी ने कहा कि मुझे लगता है कि आपको आपके प्रश्नों का हल मिल गया होगा। आप दिनभर लगातार एक साथ कई काम करने के लिए दौड़ते रहेंगे तो आपकी ऊर्जा नष्ट हो जाएगी, थक जाएंगे, लेकिन कोई भी काम पूरा नहीं होगा। पहले कोई एक काम तय करें, खुद को केंद्रित करें और फिर अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ें। एक समय में एक ही काम पर पूरा ध्यान लगाएंगे तो आपको सफलता जरूर मिलेगी।

स्वामी विवेकानंद जी की सीख

हमें अनेक लक्ष्य के पीछे भटकने की जगह एक लक्ष्य तय कर लेना चाहिए। अपने परिश्रम को बहुत अधिक दिशाओं में व्यर्थ न करें। सोच-समझकर एक ही जगह अपनी ऊर्जा लगाएं।

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